त्यागपत्र: एक अंतर्मुखी पीड़ा की कहानी जैनेंद्र कुमार का उपन्यास 'त्यागपत्र' भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह उपन्यास मृणाल की कहानी है, जो अपने पति प्रमोद के द्वारा त्याग दी जाती है। कहानी मृणाल के अंतर्मुखी पीड़ा, सामाजिक बंधनों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संघर्ष को दर्शाती है। जैनेंद्र कुमार की लेखन शैली सरल और गहरी है। उन्होंने मृणाल के मन की उलझनों और भावनात्मक जटिलताओं को बहुत ही संवेदनशील तरीके से चित्रित किया है। कहानी में सामाजिक रूढ़ियों और व्यक्तिगत इच्छाओं के बीच का द्वंद्व स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। मृणाल का त्यागपत्र केवल एक शारीरिक त्यागपत्र नहीं है, बल्कि यह उसके आंतरिक संघर्ष और मुक्ति की खोज का प्रतीक है। उपन्यास में प्रमोद का चरित्र भी जटिल है। वह एक ऐसे व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है जो सामाजिक दबावों और अपनी कमजोरियों के कारण मृणाल को त्याग देता है। यह उपन्यास उस समय के समाज में महिलाओं की स्थिति और उनके संघर्षों पर प्रकाश डालता है। 'त्यागपत्र' एक ऐसा उपन्यास है जो पाठक को सोचने पर मजबूर करता है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता, सामाजि...
सिखों का खालिस्तानी अभियान क्या है? Everything about KHALISTAN MOVEMENT 1984, Details about Khalistani movement, Blogpost by Abiiinabu
सिखों का खालिस्तानी अभियान क्या है? Everything about KHALISTAN MOVEMENT 1984, Details about Khalistani movement महीनों से चले आ रहे किसान आंदोलन ने विगत 26 जनवरी को हिंसक रूप ले लिया। जिसमे किसानों ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर पर लहरा रहे राष्ट्रध्वज को उतर कर उसकी निशान साहिब वाले खालिस्तानी झंडे को फहरा दिया। किसानों की ट्रैक्टर रैल्ली अपने रस्ते से भटक गई और अराजक तत्वों ने लाल किले की हिंसा को अंजाम दिया। भीड़ ने पुलिस के साथ भी हिंसा की। क्या है खालिस्तान ? क्या है पूरी कहानी? आज के इस पोस्ट में हम आपको बतायेंगे। तो तैयार हो जाइये इस नॉलेज से लबालब भरी इस डोज़ के लिए - Khalistan क्या है ? खालिस्तान , जिसका शाब्दिक अर्थ है - पवित्र स्थान। जिसको पंजाब माना गया है। यह सिखों का एक राष्ट्रवाद आंदोलन है जिसका उद्देश्य था , अखंड भारत के पंजाब राज्य ( वर्तमान भारत एवं पकिस्तान , दोनों के पंजाब प्रान्त का संयुक्त र...