पितृपक्ष में रसखान रोते हुए मिले। सजनी ने पूछा -‘क्यों रोते हो हे कवि!’ कवि ने कहा:‘ सजनी पितृ पक्ष लग गया है। एक बेसहारा चैनल ने पितृ पक्ष में कौवे की सराहना करते हुए एक पद की पंक्ति गलत सलत उठायी है कि कागा के भाग बड़े, कृश्न के हाथ से रोटी ले गया।’ सजनी ने हंसकर कहा-‘ यह तो तुम्हारी ही कविता का अंश है। जरा तोड़मरोड़कर प्रस्तुत किया है बस। तुम्हें खुश होना चाहिए । तुम तो रो रहे हो।’ कवि ने एक हिचकी लेकर कहा-‘ रोने की ही बात है ,हे सजनी! तोड़मोड़कर पेश करते तो उतनी बुरी बात नहीं है। कहते हैं यह कविता सूरदास ने लिखी है। एक कवि को अपनी कविता दूसरे के नाम से लगी देखकर रोना नहीं आएगा ? इन दिनों बाबरी-रामभूमि की संवेदनशीलता चल रही है। तो क्या जानबूझकर रसखान को खान मानकर वल्लभी सूरदास का नाम लगा दिया है। मनसे की तर्ज पर..?’ खिलखिलाकर हंस पड़ी सजनी-‘ भारतीय राजनीति की मार मध्यकाल तक चली गई कविराज ?’ फिर उसने अपने आंचल से कवि रसखान की आंखों से आंसू पोंछे और ढांढस बंधाने लगी। दृष्य में अंतरंगता को बढ़ते देख मैं एक शरीफ आदमी की तरह आगे बढ़ गया। मेरे साथ रसखान का कौवा भी कांव कांव करता चला आ...
आखिर Indian Students MBBS करने यूक्रेन ही क्यों जाते हैं? Why Ukraine is the prominent choice of Indian Medical Students| #Russiakraineconflict
पिछले 5 दिनों से चली आ रही रूस यूक्रेन युद्ध की बड़ी घटनाओं में भारत के लिए सबसे बुरी खबर यह है कि यूक्रेन की सरकार अब भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकलने के लिए प्रताड़ित कर रही है। यूक्रेन के लिए यह बहुत शर्म की बात है कि जस देश से सबसे ज्यादा विद्यार्थी उनके यहां पढ़ने आते हैं उन्हीं विद्यार्थियों को प्रताड़ित किया जा रहा है लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर भारतीय छात्र यूक्रेन में ही अपनी मेडिकल की पढ़ाई क्यों करना चाहते हैं? Why Indian Medical Students go Ukraine यूक्रेन की सरकार के दस्तावेजों की माने तो यूक्रेन में तकरीबन 23% विद्यार्थी भारत के हैं। जो एक छोटे देश के लिए बहुत बड़ा आंकड़ा है। और इन 23% विद्यार्थियों में सबसे ज्यादा विद्यार्थी मेडिकल के क्षेत्र के हैं। आखिर ऐसा क्यों क्यों भारतीय मेडिकल के छात्र यूक्रेन को अपनी पहली पसंद बनाते हैं भारत को नहीं आज के इस ब्लॉग में हम आपको इन्हीं कारणों के बारे में बताएंगे Low Fee:- यूक्रेन में 6 साल के मेडिकल कोर्स की पढ़ाई का तकरीबन खर्चा लगभग 17 लाख रुपए आता है। वहीं भारत में यही खर्चा 70 लाख से 1 करोड़ भी आ जाता ह...