.. जब समोसा 50 पैसे का लिया करता था तो ग़ज़ब स्वाद होता था... आज समोसा 10 रुपए का हो गया, पर उसमे से स्वाद चला गया... अब शायद समोसे में कभी वो स्वाद नही मिल पाएगा.. बाहर के किसी भोजन में अब पहले जैसा स्वाद नही, क़्वालिटी नही, शुद्धता नही.. दुकानों में बड़े परातों में तमाम खाने का सामान पड़ा रहता है, पर वो बेस्वाद होता है.. पहले कोई एकाध समोसे वाला फेमस होता था तो वो अपनी समोसे बनाने की गुप्त विधा को औऱ उन्नत बनाने का प्रयास करता था... बड़े प्यार से समोसे खिलाता, औऱ कहता कि खाकर देखिए, ऐसे और कहीं न मिलेंगे !.. उसे अपने समोसों से प्यार होता.. वो समोसे नही, उसकी कलाकृति थे.. जिनकी प्रसंशा वो खाने वालों के मुंह से सुनना चाहता था, औऱ इसीलिए वो समोसे दिल से बनाता था, मन लगाकर... समोसे बनाते समय ये न सोंचता कि शाम तक इससे इत्ते पैसे की बिक्री हो जाएगी... वो सोंचता कि आज कितने लोग ये समोसे खाकर वाह कर उठेंगे... इस प्रकार बनाने से उसमे स्नेह-मिश्रण होता था, इसीलिए समोसे स्वादिष्ट बनते थे... प्रेमपूर्वक बनाए और यूँ ही बनाकर सामने डाल दिये गए भोजन में फर्क पता चल जाता है, ...
आखिर Indian Students MBBS करने यूक्रेन ही क्यों जाते हैं? Why Ukraine is the prominent choice of Indian Medical Students| #Russiakraineconflict
पिछले 5 दिनों से चली आ रही रूस यूक्रेन युद्ध की बड़ी घटनाओं में भारत के लिए सबसे बुरी खबर यह है कि यूक्रेन की सरकार अब भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकलने के लिए प्रताड़ित कर रही है। यूक्रेन के लिए यह बहुत शर्म की बात है कि जस देश से सबसे ज्यादा विद्यार्थी उनके यहां पढ़ने आते हैं उन्हीं विद्यार्थियों को प्रताड़ित किया जा रहा है लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर भारतीय छात्र यूक्रेन में ही अपनी मेडिकल की पढ़ाई क्यों करना चाहते हैं? Why Indian Medical Students go Ukraine यूक्रेन की सरकार के दस्तावेजों की माने तो यूक्रेन में तकरीबन 23% विद्यार्थी भारत के हैं। जो एक छोटे देश के लिए बहुत बड़ा आंकड़ा है। और इन 23% विद्यार्थियों में सबसे ज्यादा विद्यार्थी मेडिकल के क्षेत्र के हैं। आखिर ऐसा क्यों क्यों भारतीय मेडिकल के छात्र यूक्रेन को अपनी पहली पसंद बनाते हैं भारत को नहीं आज के इस ब्लॉग में हम आपको इन्हीं कारणों के बारे में बताएंगे Low Fee:- यूक्रेन में 6 साल के मेडिकल कोर्स की पढ़ाई का तकरीबन खर्चा लगभग 17 लाख रुपए आता है। वहीं भारत में यही खर्चा 70 लाख से 1 करोड़ भी आ जाता ह...