.. जब समोसा 50 पैसे का लिया करता था तो ग़ज़ब स्वाद होता था... आज समोसा 10 रुपए का हो गया, पर उसमे से स्वाद चला गया... अब शायद समोसे में कभी वो स्वाद नही मिल पाएगा.. बाहर के किसी भोजन में अब पहले जैसा स्वाद नही, क़्वालिटी नही, शुद्धता नही.. दुकानों में बड़े परातों में तमाम खाने का सामान पड़ा रहता है, पर वो बेस्वाद होता है.. पहले कोई एकाध समोसे वाला फेमस होता था तो वो अपनी समोसे बनाने की गुप्त विधा को औऱ उन्नत बनाने का प्रयास करता था... बड़े प्यार से समोसे खिलाता, औऱ कहता कि खाकर देखिए, ऐसे और कहीं न मिलेंगे !.. उसे अपने समोसों से प्यार होता.. वो समोसे नही, उसकी कलाकृति थे.. जिनकी प्रसंशा वो खाने वालों के मुंह से सुनना चाहता था, औऱ इसीलिए वो समोसे दिल से बनाता था, मन लगाकर... समोसे बनाते समय ये न सोंचता कि शाम तक इससे इत्ते पैसे की बिक्री हो जाएगी... वो सोंचता कि आज कितने लोग ये समोसे खाकर वाह कर उठेंगे... इस प्रकार बनाने से उसमे स्नेह-मिश्रण होता था, इसीलिए समोसे स्वादिष्ट बनते थे... प्रेमपूर्वक बनाए और यूँ ही बनाकर सामने डाल दिये गए भोजन में फर्क पता चल जाता है, ...
हाल ही में भारत सरकार ने भारतीय सैन्य दलों में शामिल होने के लिए की जाने वाली भर्ती में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। लेकिन उनके इस कदम से देश का युवा खुश नहीं है। जिस कारण युवाओं ने इस देश को दंगों से भर दिया है, देश की संपत्ति को जलाया जा रहा है, एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में भी भारी गिरावट आ रही है। What's wrong with Agnipath Scheme दरअसल पिछले हफ्ते भारत सरकार ने भारतीय सैन्य दलों में शामिल होने के लिए युवाओं को एक नई सुविधा प्रदान की। जिसकी वजह से युवा प्रदर्शन पर उतारू हो गए। सरकार ने सेना में शामिल होने की इस स्कीम को Agnipath नाम दिया तथा इस स्कीम से सेनाओं में शामिल होने वाले जवानों को अग्निवीर Agniveer कहा। आइए जानते हैं कि Agnipath Scheme के बारे में जिसकी वजह से देश में दंगे भड़क रहे हैं। आखिर क्या है अग्निपथ स्कीम What is Agnipath Scheme? कोई भी भारतीय व्यक्ति भारतीय सेना में दो तरह से सेवाएं दे सकता है। एक परमानेंट कमिशन और दूसरा शॉर्ट सर्विस कमिशन। परमानेंट कमिशन में लगने वाले जवानों को अभी तक उनके निर्धारित रेजीमेंट में निर्धारित आयु तक नौकरी करने ...