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Book Review: Chitralekha by Bhagwati Charan Verma

 चित्रलेखा – एक दार्शनिक कृति की समीक्षा लेखक: भगवती चरण वर्मा   प्रस्तावना   हिंदी साहित्य के इतिहास में *चित्रलेखा* एक ऐसी अनूठी रचना है जिसने पाठकों को न केवल प्रेम और सौंदर्य के मोह में बाँधा, बल्कि पाप और पुण्य की जटिल अवधारणाओं पर गहन चिंतन के लिए भी प्रेरित किया। भगवती चरण वर्मा का यह उपन्यास 1934 में प्रकाशित हुआ था और यह आज भी हिंदी गद्य की कालजयी कृतियों में गिना जाता है। इसमें दार्शनिक विमर्श, मनोवैज्ञानिक विश्लेषण और सामाजिक यथार्थ का ऐसा संलयन है जो हर युग में प्रासंगिक बना रहता है । मूल विषय और उद्देश्य   *चित्रलेखा* का केंद्रीय प्रश्न है — "पाप क्या है?"। यह उपन्यास इस अनुत्तरित प्रश्न को जीवन, प्रेम और मानव प्रवृत्तियों के परिप्रेक्ष्य में व्याख्यायित करता है। कथा की बुनियाद एक बौद्धिक प्रयोग पर टिकी है जिसमें महात्मा रत्नांबर दो शिष्यों — श्वेतांक और विशालदेव — को संसार में यह देखने भेजते हैं कि मनुष्य अपने व्यवहार में पाप और पुण्य का भेद कैसे करता है। इस प्रयोग का परिणाम यह दर्शाता है कि मनुष्य की दृष्टि ही उसके कर्मों को पाप या पुण्य बनाती है। लेखक...

फिल्म विवेचना: वीर सावरकर Veer Savarkar Movie review

फिल्म विवेचना: स्वतंत्र वीर सावरकर Poster from Savarkar Movie इस फिल्म के साथ भी वही हुआ जो स्वर्गीय विनायक दामोदर सावरकर जी जीवित थे तब उन के साथ हुआ था।सब अच्छा था लेकिन अपनो ने ही साथ नही दिया!विस्तार से लिखने वाली हु।पढ़ने का मन हो पढ़िए । नही पढ़ना तो भी कोई बात नही। सावरकर कौन थे ?नही जानती आज की पीढ़ी क्युकी उसे सावरकर की जगह अकबर,बाबर ही स्कूलों में पढ़ाए गए।दस साल की उमर में क्रांतिकारी संगठन शुरू करने वाले बालक विनायक।उन्नीस की उमर में भारत की सब से पहली और सब से बड़ी सीक्रेट सोसायटी अभिनव भारत को शुरू करने वाले सावरकर (याद रखिए,इन्ही सीक्रेट सोसायटीज के चलते जर्मनी,इटली,सोवियत वगैरा स्वतंत्र हुए थे ) । दर्जनों अंग्रेजी अफसरों को भारत की भूमि पर उड़ाने वाले सावरकर , यहां तक अंग्रेजो की भूमि इंग्लैंड में अंग्रेजी ऑफिशियल को मरवाने वाले सावरकर ,बम बनाने का फॉर्मूला भारत भेजने वाले सावरकर ,ब्रिटिश सरकार के नंबर वन मोस्ट वांटेड सावरकर ,कलापानी की सजा हुए पहले राजनीतिक कैदी सावरकर ,जिन की एक एक किताब की एक एक कापी अंग्रेजो ने जलाने के लिए ऑपरेशन लॉन्च किया था क्युकी उन्हे पढ़ने वा...