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मार्च, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

MSD The Disaster

 महेंद्र सिंह धोनी ने छुपने के लिए वो जगह चुनी, जिस पर करोड़ों आँखें लगी हुई थीं! वो जीज़ज़ की इस बात को भूल गए कि "पहाड़ पर जो शहर बना है, वह छुप नहीं सकता!" ठीक उसी तरह, आप आईपीएल में भी छुप नहीं सकते। कम से कम धोनी होकर तो नहीं। अपने जीवन और क्रिकेट में हर क़दम सूझबूझ से उठाने वाले धोनी ने सोचा होगा, एक और आईपीएल खेलकर देखते हैं। यहाँ वे चूक गए। क्योंकि 20 ओवर विकेट कीपिंग करने के बाद उनके बूढ़े घुटनों के लिए आदर्श स्थिति यही रह गई है कि उन्हें बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा ही न मिले, ऊपरी क्रम के बल्लेबाज़ ही काम पूरा कर दें। बल्लेबाज़ी का मौक़ा मिले भी तो ज़्यादा रनों या ओवरों के लिए नहीं। लेकिन अगर ऊपरी क्रम में विकेटों की झड़ी लग जाए और रनों का अम्बार सामने हो, तब क्या होगा- इसका अनुमान लगाने से वो चूक गए। खेल के सूत्र उनके हाथों से छूट गए हैं। यह स्थिति आज से नहीं है, पिछले कई वर्षों से यह दृश्य दिखाई दे रहा है। ऐसा मालूम होता है, जैसे धोनी के भीतर अब खेलने की इच्छा ही शेष नहीं रही। फिर वो क्यों खेल रहे हैं? उनके धुर-प्रशंसक समय को थाम लेना चाहते हैं। वे नश्वरता के विरुद्ध...

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: भारत में महिलायें सुरक्षित क्यों नहीं हैं ? Why Women are not safe in India? views by Abhinav Singh

 Why Women are not safe in India? भारत में महिलायें सुरक्षित क्यों नहीं हैं ?                      आज का अवसर केवल औपचारिकता का अवसर नहीं है। यह चिंतन और स्मरण की वेला है। हम विकास का दंभ भरने लगे हैं और पाश्चात्य संस्कृति और सभ्यता का अनुसरण इस हद तक करने लगे हैं कि पाश्चात्य संस्कृति और सभ्यता हमारे घर के खिड़की दरवाजे तोड़ने के साथ साथ घर की स्वीकारें तोड़ने को भी तैयार खड़ी हैं। विकास के बढ़ते पैमाने ने हमारी नैतिकता का स्तर इस हद तक गिराया है कि हम संवेदना शून्य होते चले जा रहे हैं। हालात ये हैं कि गणतंत्र दिवस पर जिस शान ओ शौकत से हमारी आंखें चुंधिया रही हैं। उसी से कुछ ही दिन पूर्व मध्य प्रदेश में मानवता की हत्या के देने वाली एक घटना सामने आई। उमरिया जिले में अपनी मां से मिलने आई 13 वर्षीय लड़की का अपहरण किया गया। अपहरण करने वाले 2 युवकों ने लड़की के साथ बलात्कार   किया। लेकिन बात सिर्फ यही नहीं है, बात अलग ये है कि जब लड़के, उस लड़की को लेकर पास के ढाबे के पास गए। ढाबे वाले को जब कुछ मामला गड़बड़ लगा...