चम्बल का इतिहास क्या हैं? ये वो नदी है जो मध्य प्रदेश की मशहूर विंध्याचल पर्वतमाला से निकलकर युमना में मिलने तक अपने 1024 किलोमीटर लम्बे सफर में तीन राज्यों को जीवन देती है। महाभारत से रामायण तक हर महाकाव्य में दर्ज होने वाली चम्बल राजस्थान की सबसे लम्बी नदी है। श्रापित और दुनिया के सबसे खतरनाक बीहड़ के डाकुओं का घर माने जाने वाली चम्बल नदी मगरमच्छों और घड़ियालों का गढ़ भी मानी जाती है। तो आईये आज आपको लेकर चलते हैं चंबल नदी की सेर पर भारत की सबसे साफ़ और स्वच्छ नदियों में से एक चम्बल मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में महू छावनी के निकट स्थित विंध्य पर्वत श्रृंखला की जनापाव पहाड़ियों के भदकला जलप्रपात से निकलती है और इसे ही चम्बल नदी का उद्गम स्थान माना जाता है। चम्बल मध्य प्रदेश में अपने उद्गम स्थान से उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में बहते हुए धार, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, भिंड, मुरैना आदि जिलों से होकर राजस्थान में प्रवेश करती है। राजस्थान में चम्बल चित्तौड़गढ़ के चौरासीगढ से बहती हुई कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, करोली और धौलपुर जिलों से निकलती है। जिसके बाद ये राजस्थान के धौलपुर से दक्षिण की ओर
Why we celebrate Science day on 28th February |
वर्ष 1921 में भारत के वैज्ञानिक श्री चंद्रशेखर वेंकटरमन एक जहाज पर सवार हुए। लंदन से भारत आते समय उनके दिमाग में एक सवाल आया किस समुंदर का रंग असल में नीला क्यों होता है? वह यह बात भी मानने को तैयार नहीं थे कि आसमान का रंग भी नीला होता है। इसीलिए 1928 की मार्च में उन्होंने एक थ्योरी प्रकाशित की जिसे रमन स्कैटरिंग के नाम से जाना गया, मुझे आप और मैं आज रमन इफेक्ट Raman Effect के नाम से भी जानते हैं। रमन प्रभाव प्रकाश के तरंगदैर्ध्य के बदलने की कारण को बताता है।
आपने सूर्य के प्रकाश में एक संतरे को नारंगी रंग का देखा। यह नारंगी रंग का है, लेकिन क्यों? वैसे सूर्य का प्रकाश साथ अलग-अलग रंगों से मिलकर बना है और हर रंग की एक अलग तरंगदैर्ध्य है। आप सूर्य से निकलने वाले इन सात रंगों को इंद्रधनुष में भी देख सकते हैं। उसी तरह संतरा इस प्रकार के अणुओं से मिलकर बना होता है जो सूर्य की प्रकाश के साथ संक्रिया करते हैं। ज्यादा तो संतरे प्रकाश के बाकी सभी रंगों को सोख लेते हैं और नारंगी रंग को परावर्तित करते हैं। जिस कारण हमें संतरा नारंगी रंग का दिखाई देता है।
इसी तरह अलग-अलग तरह के पदार्थ अलग-अलग अनु से मिलकर बने होते हैं जो अलग-अलग रंगों को परावर्तित करते हैं जिस कारण हमें उनके अलग-अलग रंग देखने को भी मिलते हैं।
रमन प्रभाव का उपयोग रंगों का ज्ञान करने के अलावा spectroscopy के द्वारा स्ट्रक्चरल फिंगरप्रिंट को ज्ञात करने के लिए होता है। आसान भाषा में एक Molecule दूसरे से किस प्रकार अलग है यह पता करने के लिए रमन प्रभाव का उपयोग किया जाता है।
The Man who give India Science |
अपनी इस खोज के कारण चंद्रशेखर वेंकटरमन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था, जिसे पाने वाले वह पहले एशियाई और भारतीय थे। डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकटरमन की इस उपलब्धि की याद में 28 फरवरी को उनके जन्मदिवस के अवसर पर राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।
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