सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Tyagpatra by Jainendra Book Review

 त्यागपत्र: एक अंतर्मुखी पीड़ा की कहानी जैनेंद्र कुमार का उपन्यास 'त्यागपत्र' भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह उपन्यास मृणाल की कहानी है, जो अपने पति प्रमोद के द्वारा त्याग दी जाती है। कहानी मृणाल के अंतर्मुखी पीड़ा, सामाजिक बंधनों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संघर्ष को दर्शाती है। जैनेंद्र कुमार की लेखन शैली सरल और गहरी है। उन्होंने मृणाल के मन की उलझनों और भावनात्मक जटिलताओं को बहुत ही संवेदनशील तरीके से चित्रित किया है। कहानी में सामाजिक रूढ़ियों और व्यक्तिगत इच्छाओं के बीच का द्वंद्व स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। मृणाल का त्यागपत्र केवल एक शारीरिक त्यागपत्र नहीं है, बल्कि यह उसके आंतरिक संघर्ष और मुक्ति की खोज का प्रतीक है। उपन्यास में प्रमोद का चरित्र भी जटिल है। वह एक ऐसे व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है जो सामाजिक दबावों और अपनी कमजोरियों के कारण मृणाल को त्याग देता है। यह उपन्यास उस समय के समाज में महिलाओं की स्थिति और उनके संघर्षों पर प्रकाश डालता है। 'त्यागपत्र' एक ऐसा उपन्यास है जो पाठक को सोचने पर मजबूर करता है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता, सामाजि...

What is Russia- Ukraine Conflict |यूक्रेन और रूस के बीच का सारा लफड़ा क्या है?

Russia Ukraine Conflict
Russia-Ukraine Conflict
  • History of Russia- Ukraine Conflict बवाल की जड़ -

बात है सन 1991 की। उस समय दुनिया का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा देश हुआ करता था सोवियत संघ रूस, यानी कि यू एस एस आर यूनियन ऑफ सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक। जिसे 1922 की बेलचोविक क्रांति के बाद व्लादिमीर लेनिन ने दुनिया के सामने लाया था। लेकिन 1991 आते-आते दुनिया का सबसे बड़ा देश 15 अलग-अलग देशों में टूट गया। अब देश कौन-कौन से थे, एक बार जरा इन पर नजर डाल लेते हैं
सबसे पहले और सबसे बड़ा भाग बना-
  1. रूस
  2. इस्टोनिया
  3. लातविया 
  4. लिथुआनिया 
  5. बेलारूस 
  6. यूक्रेन 
  7. माल्टोवा 
  8. जॉर्जिया 
  9. आर्मेनिया 
  10. अज़रबैजान 
  11. कजाकिस्तान 
  12. उज़्बेकिस्तान 
  13. तुर्कमेनिस्तान 
  14. किर्गिस्तान 
  15. और ताजिकिस्तान
ussr

अगर आप मैप को समझ पा रहे हैं तो आप देखेंगे कि छठे नंबर का जो देश है वह है यूक्रेन। और यूक्रेन भौगोलिक दृष्टि से रूस से टूटकर बनने वाला वह देश है जो आधा यूरोप में आता है और आधा एशिया में आता है। यूरोप में आने वाले सभी देशों को यूरोपीय संघ एवं नाटो की सदस्यता प्राप्त करने के योग्य होते हैं।

  • NATO क्या है Role of NATO in Russia- Ukraine Conflict-

अब आप पूछेंगे कि नाटो क्या है तो NATO नाटो का मतलब है नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन जिससे नॉर्थ अटलांटिक गठबंधन भी कहते हैं यह अंतर राज्य सैन्य गठबंधन है जिसमें यूरोप की 27 देश आते हैं दो नॉर्थ अमेरिका के देश आते हैं और एक यूरेशियन देश भी आता है। यह गठबंधन इसलिए बनाया गया था कि 27 यूरोपीय देशों के साथ साथ बाकी के 3 देशों पर भी यदि कोई अन्य देश आक्रमण करता है, तो ऐसा माना जाएगा कि उसने उन सभी 30 देशों पर आक्रमण किया है। जिस कारण इन सभी छोटे देशों की सुरक्षा की चिंता काफी हद तक कम हो गई है। सुरक्षा के साथ-साथ इन सभी देशों ने अपने देशों में पाए जाने वाले प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग करने के लिए भी एक संगठन बनाया हुआ है जिसके अंतर्गत यदि किसी संसाधन की किसी देश को आवश्यकता है तो वह उसे कम कीमत पर प्राप्त कर सकता है।

  • अब थोड़ा यूक्रेन के बारे में भी जान लेते हैं Where is Ukraine-

यूक्रेन एक संप्रभु राज्य है जो 233000 वर्ग मील के क्षेत्र को कवर करता है। यूक्रेन USSR सोवियत संघ के घटक गणराज्य में से एक था, और 30 दिसंबर 1922 को सोवियत संघ में भर्ती कराया गया था। सोवियत यूक्रेन संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक सदस्य भी था लेकिन ऑल यूनियन राज ने अन्य देशों से संबंधित मामलों में अपने कानूनी प्रतिनिधि के रूप में काम किया जो यूएसएसआर का हिस्सा नहीं थे। सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन एसएसआर का नाम बदलकर यूक्रेन कर दिया गया और इसके नए संविधान को 28 जून 1996 को अनुमोदित किया गया।
ukraine map
अपनी स्वतंत्रता के बाद यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र में अपनी सीट बरकरार रखी और अपनी विदेशी संपत्ति हिस्सेदारी की वसूली की उम्मीद में रूसी संघ के खिलाफ विदेशी अदालतों में आरोपों को जारी रखा। जिसकी वजह से दोनों नए देशों रूस और यूक्रेन के बीच संबंधों में तनाव उत्पन्न हो गया।

  • पुतिन की चिंता Russia's Side in Russia Ukraine Conflict-

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लगता है कि यदि यूक्रेन नाटो का सदस्य बन गया तो नाटो के सदस्य देशों जैसे अमेरिका जो कि रूस का धुर विरोधी है, उसके साथ यूक्रेन की सीमा बहुत अधिक पास आ जाएगी जो निकट भविष्य में युद्ध की स्थिति में रूस के लिए चिंता का विषय होगा। इसीलिए रूस नहीं चाहता कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बने। नाटो का सदस्य बनने के साथ ही यूक्रेन के पास अपने प्राकृतिक संसाधनों को अन्य देशों को बेचने की अतिरिक्त क्षमता भी मिल जाएगी। जोकि रूस जैसे देशों को जो प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने के साथ-साथ सस्ती दरों पर अपने पड़ोसी राज्यों से प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध करते हैं, दिक्कत हो जाएगी। इसीलिए रूस ने सन 2014 में यूक्रेन के हिस्से क्रीमिया पर अपना आधिपत्य कर लिया और उसे अपने हिस्से में मिला लिया। जिसके बाद रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ G-8 के देशों ने उसे अपने संगठन से निकाल भी दिया था। लेकिन रूस कहां मानने वाला है। इसीलिए अब जब यूक्रेन ने स्वयं को फिर से नाटो का सदस्य बनाने की पेशकश की तो रूस भड़क गया। उसने नाटो के सदस्यों और विशेषकर अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यूक्रेन नाटो का सदस्य बना तो यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा। और इस बार आक्रमक कार्यवाही करने के उद्देश्य से रूस ने पिछले हफ्ते ही यूक्रेन में रूस के समर्थकों को एक अलग देश बना दिया। 
ukraine new countries

  • Importance of Ukraine, Why Putin wants Ukraine-

यूक्रेन, यूरोप में रूस के बाद क्षेत्रफल की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश है। जिसके पास अकेले काला सागर ब्लैक सी में 4 बड़े बंदरगाह हैं, इसके साथ साथ यूक्रेन नाटो के चार सदस्य देशों के साथ अपनी सीमा साझा करता है। रूस चाहता है कि नाटो की सेनाएं यूक्रेन कभी न पहुंचे जिस कारण यूक्रेन, रूस और पश्चिमी देशों के बीच एक बफर स्टेट बन कर रहे।

  • Effect of War on Ukraine-

अगर युद्ध होता है, तो रूस के आगे यूक्रेन टिक ही भी पाएगा और रूस बड़ी आसानी से यूक्रेन को अपने में मिला लेगा। लेकिन उसके बाद उत्पन्न होने वाली समस्याएं दुनिया की मुश्किलें बढ़ा देंगी।
यूक्रेन यूरोप में मक्का और गेंहू का बड़ा निर्यातक है, यदि यूक्रेन अनाज का निर्यात नहीं करेगा तो यूरोपीय देशों की स्थिति खराब हो सकती है।
अभी यूक्रेन से आने वाली प्राकृतिक गैस तुर्की, और भूमध्यीय देशों को सस्ती पड़ती है, यदि इन संसाधनों पर रूस का अधिपत्य हो गया, तो प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ सकती हैं।

  • Demands of Russia to avoid War-

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ कहा है कि यदि नाटो के देश उनकी तीन शर्तें मान लें तो युद्ध टाला जा सकता है.
  • क्रीमिया, जिसे रूस ने 2014 में यूक्रेन से ही कब्जा किया था, को रूस का हिस्सा माना जाए।
  • यूक्रेन कभी भी नाटो का हिस्सा नहीं बनेगा।
  • और
  • पश्चिमी देश अपनी सेना और हथियार यूक्रेन भेजना बंद करें।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubt please let me know.

Best From the Author

The Story of Yashaswi Jaiswal

जिस 21 वर्षीय यशस्वी जयसवाल ने ताबड़तोड़ 98* रन बनाकर कोलकाता को IPL से बाहर कर दिया, उनका बचपन आंसुओं और संघर्षों से भरा था। यशस्‍वी जयसवाल मूलरूप से उत्‍तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं। वह IPL 2023 के 12 मुकाबलों में 575 रन बना चुके हैं और ऑरेंज कैप कब्जाने से सिर्फ 2 रन दूर हैं। यशस्वी का परिवार काफी गरीब था। पिता छोटी सी दुकान चलाते थे। ऐसे में अपने सपनों को पूरा करने के लिए सिर्फ 10 साल की उम्र में यशस्वी मुंबई चले आए। मुंबई में यशस्वी के पास रहने की जगह नहीं थी। यहां उनके चाचा का घर तो था, लेकिन इतना बड़ा नहीं कि यशस्वी यहां रह पाते। परेशानी में घिरे यशस्वी को एक डेयरी पर काम के साथ रहने की जगह भी मिल गई। नन्हे यशस्वी के सपनों को मानो पंख लग गए। पर कुछ महीनों बाद ही उनका सामान उठाकर फेंक दिया गया। यशस्वी ने इस बारे में खुद बताया कि मैं कल्बादेवी डेयरी में काम करता था। पूरा दिन क्रिकेट खेलने के बाद मैं थक जाता था और थोड़ी देर के लिए सो जाता था। एक दिन उन्होंने मुझे ये कहकर वहां से निकाल दिया कि मैं सिर्फ सोता हूं और काम में उनकी कोई मदद नहीं करता। नौकरी तो गई ही, रहने का ठिकान...

Vinesh Phogat Controversy: Just Coincidence or Karma?

 How Vinesh Phogat wronged Shivani Pawar The girl in the photo is Shivani Pawar. You might not have seen her before because she wasn’t sitting at Jantar Mantar, nor was she covered by the media. This 26-year-old is a Head Constable in the BSF. Shivani is also a farmer's daughter, hailing from a small village called Umred in MP. Shivani is also a wrestler. Three years ago, at the Under-23 World Wrestling Championships, she won a silver medal in the 50 kg weight category. In the same event, Anju won a bronze. Shivani was the first Indian wrestler to win a medal in this competition. She has also won a gold medal in the World Police Sports Championships and a bronze in the Asian Wrestling Championships. Shivani is a promising wrestler with a bright future. But why didn’t she make it to the Paris Olympics? In March, a trial competition was held in Patiala. In this competition, Vinesh Phogat lost to Anju in her usual 53 kg category. This is the same Anju mentioned earlier. After losing i...

The Reality of Kumbh Snan

 फरवरी के अंत तक देश में दो ही तरह के लोग बचेंगे—एक वे, जिन्होंने कुंभ में स्नान कर लिया और दूसरा वे, जिन्होंने कुंभ में स्नान नहीं किया!यह विभाजन जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र से ऊपर उठकर नई पहचान गढ़ रहा है—"स्नानी" बनाम "अस्नानी"! कुंभ में स्नान कर चुके लोग खुद को शुद्धता का आखिरी प्रमाणपत्र मानेंगे! उनके चेहरे की चमक किसी फेशियल क्रीम से नहीं, बल्कि गंगा जल की बूंदों से उपजी होगी! वे किसी भी तर्क-वितर्क में यह कहकर जीत जाएंगे—"पहले स्नान कर आओ, फिर बात करना!" धर्म और आस्था की भावना से लबरेज, वे खुद को मोक्ष के एक कदम करीब मानेंगे और दूसरों को अधूरे जीवन का बोझ उठाने वाला समझेंगे! दूसरी तरफ वे होंगे, जो कुंभ में नहीं जा पाए—कारण चाहे जो भी रहा हो!ऑफिस की छुट्टी नहीं मिली, ट्रेन की टिकट नहीं मिली, या बस आलस कर गए!इन्हें जीवनभर इस ग्लानि से जूझना पड़ेगा कि वे 2025 के ऐतिहासिक स्नान युग का हिस्सा नहीं बन पाए!स्नानी मित्र उनसे मिलते ही ताने मारेंगे—"अरे, तुम तो अभी तक अपवित्र ही घूम रहे हो!" सरकार आगे चलकर स्नान करने वालों को प्रमाण पत्र दे सकती है, ज...

Kashi ka Assi Book Review

**किताब समीक्षा: "काशी का अस्सी"** **लेखक**: काशीनाथ सिंह   **शैली**: व्यंग्यात्मक कथा साहित्य   **प्रकाशन वर्ष**: 2004 "काशी का अस्सी" हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण और चर्चित उपन्यास है, जिसे काशीनाथ सिंह ने लिखा है। यह किताब बनारस की जीवनशैली, वहाँ की संस्कृति और आम जनमानस की भाषा और बोलचाल का जीवंत चित्रण करती है। किताब का केंद्र बनारस का प्रसिद्ध अस्सी घाट है, जो सिर्फ एक भौगोलिक स्थल नहीं, बल्कि बनारसी जीवन का प्रतीक है। ### **कहानी का सारांश**: कहानी अस्सी घाट के इर्द-गिर्द घूमती है, जहाँ विभिन्न तबकों के लोग बैठकर बातचीत, बहस और ठहाके लगाते हैं। यह बनारसी समाज की धड़कनों को पकड़ता है। किताब में कई पात्र हैं, जिनमें मुख्यत: पंडित, टीकाकार, शिक्षक, छात्र, नौकरीपेशा लोग और साधारण नागरिक शामिल हैं। हर व्यक्ति का अपना दृष्टिकोण और जीवन के प्रति अपने अनुभव होते हैं, जो किताब को वास्तविक और मजेदार बनाते हैं। **काशी का अस्सी** में अस्सी घाट के पंडों और स्थानीय निवासियों के रोजमर्रा के जीवन को बड़े ही सजीव और व्यंग्यात्मक शैली में प्रस्तुत किया गया है। काशी का परंपर...

Controversy over Indian Cricket Team's Aggressive Behaviour

 ऑस्ट्रेलिया में चल रही टेस्ट सीरीज में भारतीय खिलाड़ियों के आक्रामक व्यवहार को लेकर बहुत चर्चा हो रही है। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को धक्का देना, उनपर व्यंग्य करना, उन्हें ट्रोल करना... पहली नजर में यह बुरा तो लगता ही है। अपने यहाँ के लोग भी भारतीय खिलाड़ियों की असभ्यता की आलोचना कर रहे हैं।     मुझे लगता है जिन लोगों ने नब्बे के दशक तक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों का व्यवहार देखा हो, उन्हें भारतीय खिलाड़ियों का व्यवहार बुरा नहीं लगेगा। सौरभ गांगुली के कप्तान बनने से पहले भारतीय खिलाड़ियों के साथ कैसा व्यवहार होता रहा है, वह हमें खूब याद है।      एक बार वेस्टइंडीज के गैरी सोबर्स(या शायद विवियन रिचर्ड्स) ने कहा था- "हम भारत में खेलने कहाँ आते हैं, हम तो केवल इसलिए आते हैं कि यहाँ की लड़कियां सुन्दर हैं।" आप समझ रहे हैं यह कितना अपमानजनक बयान है? भारतीय खिलाड़ियों ने लम्बे समय तक ऐसा तिरस्कार और अपमानजनक बर्ताव झेला है।      क्रिकेट इतिहास में सर्वाधिक अभद्रता ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने दिखाई है, और सबसे अधिक भारतीय खिलाड़ियों के विरुद्ध... खिलाड़...