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History of Chambal

 चम्बल का इतिहास क्या हैं? ये वो नदी है जो मध्य प्रदेश की मशहूर विंध्याचल पर्वतमाला से निकलकर युमना में मिलने तक अपने 1024 किलोमीटर लम्बे सफर में तीन राज्यों को जीवन देती है। महाभारत से रामायण तक हर महाकाव्य में दर्ज होने वाली चम्बल राजस्थान की सबसे लम्बी नदी है। श्रापित और दुनिया के सबसे खतरनाक बीहड़ के डाकुओं का घर माने जाने वाली चम्बल नदी मगरमच्छों और घड़ियालों का गढ़ भी मानी जाती है। तो आईये आज आपको लेकर चलते हैं चंबल नदी की सेर पर भारत की सबसे साफ़ और स्वच्छ नदियों में से एक चम्बल मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में महू छावनी के निकट स्थित विंध्य पर्वत श्रृंखला की जनापाव पहाड़ियों के भदकला जलप्रपात से निकलती है और इसे ही चम्बल नदी का उद्गम स्थान माना जाता है। चम्बल मध्य प्रदेश में अपने उद्गम स्थान से उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में बहते हुए धार, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, भिंड, मुरैना आदि जिलों से होकर राजस्थान में प्रवेश करती है। राजस्थान में चम्बल चित्तौड़गढ़ के चौरासीगढ से बहती हुई कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, करोली और धौलपुर जिलों से निकलती है। जिसके बाद ये राजस्थान के धौलपुर से दक्षिण की ओर

कितना खतरनाक है चीन का नया हाइपरसोनिक मिसाइल| New Hypersonic ICBM Test By China

कितना खतरनाक है चीन का नया हाइपरसोनिक मिसाइल| New Hypersonic ICBM Test By China

हमारे पड़ोसी मुल्क चीन से यह खबर आई है कि उसने अब तक की सबसे एडवांस तकनीक संयुक्त हाइपरसोनिक मिसाइल DF-17 का सफल परीक्षण कर लिया है। अमेरिका ने इस बारे में चीन के ऊपर इल्जाम लगाया है, और चीन ने हमेशा की तरह इस इल्जाम को खारिज कर दिया है। लेकिन हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि हाइपरसोनिक तैयार आखिर क्या होते हैं? यह कितने खतरनाक हैं? और यदि चाइना ने इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया तो इसका उत्तर देने के लिए भारत के पास क्या-क्या संसाधन उपलब्ध है?
DF17
DF-17
चीन तकरीबन 2 साल पहले अपने ध्यान में चौराहे पर अपनी नई अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का प्रदर्शन किया था। लेकिन अब यह खबर भी आ रही है कि चीन ने उस DF 17 को हाइपरसोनिक ग्लाइड सिस्टम से युक्त कर दिया है। अब लाजमी तौर पर एक सवाल आता है कि आखिर यह हाइपरसोनिक ग्लाइड सिस्टम होता क्या है?

  • हाइपरसोनिक ग्लाइड सिस्टम

विज्ञान पढ़ने वाले सयाने लोग ऐसा कहते हैं कि हाइपरसोनिक का मतलब होता है ध्वनि की रफ्तार से 5 गुना तेज।  तो हाइपरसोनिक मिसाइल का मतलब हो गया वह मिसाइल जो ध्वनि की रफ्तार से 5 गुना तेज भाग सकती है। और ग्लाइडर सिस्टम होता है जो मिसाइल को समुद्र की तल से न्यूनतम ऊंचाई पर उड़ने में सहायता प्रदान करता है। यानी हाइपरसोनिक ग्लाइडर सिस्टम से युक्त किसी मिसाइल में वह मिसाइल समुद्र के तल से न्यूनतम दूरी पर और धोनी की रफ्तार से 5 गुना तेज अपने निशाने को ध्वस्त करने के लिए भाग सकती है।
चीन ने अपनी जिस मिसाइल का प्रदर्शन 2019 में किया था उसमें समुद्र तल से चिपक कर उड़ने की क्षमता तो है। वैसे तो यह एक अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल है लेकिन इसका उपयोग हाइपरसोनिक तरीके से भी चीन कर सकता है। कैसे? क्योंकि मिसाइल के अगले हिस्से को अलग से विंग्स लगाकर तैयार किया गया है। इसकी मारक क्षमता 1800 से 2000 किलोमीटर तक की है।

  • चीन यहीं नहीं रुकेगा

हो सकता है कि चीन ने अपने 2019 में दिखाएं हुई मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन भी तैयार कर लिया हो। लेकिन चाइना की तरफ से ऐसा कोई बयान या प्रदर्शन सामने नहीं आया है तो इसीलिए इसको केवल आशंकाओं के भरोसे ही छोड़ा जा सकता है। माना जा रहा है कि चीन इस समय एक ऐसी मिसाइल को बनाने में काम कर रहा है जिसकी रफ्तार 12000 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा होगी। यह अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल तो होगी ही जो साथ में पारंपरिक एवं परमाणु दोनों किस्म के विस्फोटक ले जाने की क्षमता रखेगी।


  • कैसे काम करती हैं अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल

जब अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल को किसी लक्ष्य को निर्धारित कर के दाग आ जाता है तो यह सबसे पहले अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरती है। अंतरिक्ष में अपनी उड़ान पूरी करने के बाद यह वापस जमीन पर मूर्ति है और अपना लक्ष्य सुनिश्चित करती हैं और अपनी रफ्तार के साथ पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल इस्तेमाल करके यह अपनी रफ्तार को बहुत ज्यादा बढ़ा लेती है। ग्लाइड सिस्टम लगे होने की वजह से यह समुद्र की सतह से बहुत कम ऊंचाई पर उड़ते हुए भी अपना लक्ष्य सफलतापूर्वक भेद सकती हैं।

  • किन देशों के पास हैं हाइपरसोनिक हथियार

भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, और उत्तर कोरिया; यह वह देश है जो हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में दिन रात मेहनत कर रहे हैं। लेकिन अपने इस प्रदर्शन के साथ ही चीन, अमेरिका और रूस के उस दल में शामिल हो गया है जिसके पास हाइपरसोनिक हत्यारों की अत्याधुनिक तकनीक मौजूद है।
Project HGF202FProject HGF-202F
  • भारत ने वर्ष 2020 में हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेट व्हीकल का परीक्षण किया था। जिसका परीक्षण 20 सेकेंड से भी कम चला था। यह विमान युद्ध एवं शांति दोनों कार्य क्षेत्रों में उपयोग में लाया जा सकता है।
  • भारत अपने सहयोगी मित्र रूस के साथ मिलकर ब्रह्मोस तो हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का काम भी कर रहा है। इसकी रफ्तार मैक 7 से भी ज्यादा होगी।
  • यह भी खबर है कि भारत एक निजी क्षेत्र की कंपनी के साथ मिलकर HGF 202F नामक एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। जिसकी अधिक जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।

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