त्यागपत्र: एक अंतर्मुखी पीड़ा की कहानी जैनेंद्र कुमार का उपन्यास 'त्यागपत्र' भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह उपन्यास मृणाल की कहानी है, जो अपने पति प्रमोद के द्वारा त्याग दी जाती है। कहानी मृणाल के अंतर्मुखी पीड़ा, सामाजिक बंधनों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संघर्ष को दर्शाती है। जैनेंद्र कुमार की लेखन शैली सरल और गहरी है। उन्होंने मृणाल के मन की उलझनों और भावनात्मक जटिलताओं को बहुत ही संवेदनशील तरीके से चित्रित किया है। कहानी में सामाजिक रूढ़ियों और व्यक्तिगत इच्छाओं के बीच का द्वंद्व स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। मृणाल का त्यागपत्र केवल एक शारीरिक त्यागपत्र नहीं है, बल्कि यह उसके आंतरिक संघर्ष और मुक्ति की खोज का प्रतीक है। उपन्यास में प्रमोद का चरित्र भी जटिल है। वह एक ऐसे व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है जो सामाजिक दबावों और अपनी कमजोरियों के कारण मृणाल को त्याग देता है। यह उपन्यास उस समय के समाज में महिलाओं की स्थिति और उनके संघर्षों पर प्रकाश डालता है। 'त्यागपत्र' एक ऐसा उपन्यास है जो पाठक को सोचने पर मजबूर करता है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता, सामाजि...
कितना खतरनाक है चीन का नया हाइपरसोनिक मिसाइल| New Hypersonic ICBM Test By China
हमारे पड़ोसी मुल्क चीन से यह खबर आई है कि उसने अब तक की सबसे एडवांस तकनीक संयुक्त हाइपरसोनिक मिसाइल DF-17 का सफल परीक्षण कर लिया है। अमेरिका ने इस बारे में चीन के ऊपर इल्जाम लगाया है, और चीन ने हमेशा की तरह इस इल्जाम को खारिज कर दिया है। लेकिन हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि हाइपरसोनिक तैयार आखिर क्या होते हैं? यह कितने खतरनाक हैं? और यदि चाइना ने इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया तो इसका उत्तर देने के लिए भारत के पास क्या-क्या संसाधन उपलब्ध है?
DF-17 |
चीन तकरीबन 2 साल पहले अपने ध्यान में चौराहे पर अपनी नई अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का प्रदर्शन किया था। लेकिन अब यह खबर भी आ रही है कि चीन ने उस DF 17 को हाइपरसोनिक ग्लाइड सिस्टम से युक्त कर दिया है। अब लाजमी तौर पर एक सवाल आता है कि आखिर यह हाइपरसोनिक ग्लाइड सिस्टम होता क्या है?
- हाइपरसोनिक ग्लाइड सिस्टम
विज्ञान पढ़ने वाले सयाने लोग ऐसा कहते हैं कि हाइपरसोनिक का मतलब होता है ध्वनि की रफ्तार से 5 गुना तेज। तो हाइपरसोनिक मिसाइल का मतलब हो गया वह मिसाइल जो ध्वनि की रफ्तार से 5 गुना तेज भाग सकती है। और ग्लाइडर सिस्टम होता है जो मिसाइल को समुद्र की तल से न्यूनतम ऊंचाई पर उड़ने में सहायता प्रदान करता है। यानी हाइपरसोनिक ग्लाइडर सिस्टम से युक्त किसी मिसाइल में वह मिसाइल समुद्र के तल से न्यूनतम दूरी पर और धोनी की रफ्तार से 5 गुना तेज अपने निशाने को ध्वस्त करने के लिए भाग सकती है।
चीन ने अपनी जिस मिसाइल का प्रदर्शन 2019 में किया था उसमें समुद्र तल से चिपक कर उड़ने की क्षमता तो है। वैसे तो यह एक अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल है लेकिन इसका उपयोग हाइपरसोनिक तरीके से भी चीन कर सकता है। कैसे? क्योंकि मिसाइल के अगले हिस्से को अलग से विंग्स लगाकर तैयार किया गया है। इसकी मारक क्षमता 1800 से 2000 किलोमीटर तक की है।
- चीन यहीं नहीं रुकेगा
हो सकता है कि चीन ने अपने 2019 में दिखाएं हुई मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन भी तैयार कर लिया हो। लेकिन चाइना की तरफ से ऐसा कोई बयान या प्रदर्शन सामने नहीं आया है तो इसीलिए इसको केवल आशंकाओं के भरोसे ही छोड़ा जा सकता है। माना जा रहा है कि चीन इस समय एक ऐसी मिसाइल को बनाने में काम कर रहा है जिसकी रफ्तार 12000 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा होगी। यह अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल तो होगी ही जो साथ में पारंपरिक एवं परमाणु दोनों किस्म के विस्फोटक ले जाने की क्षमता रखेगी।
- कैसे काम करती हैं अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल
जब अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल को किसी लक्ष्य को निर्धारित कर के दाग आ जाता है तो यह सबसे पहले अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरती है। अंतरिक्ष में अपनी उड़ान पूरी करने के बाद यह वापस जमीन पर मूर्ति है और अपना लक्ष्य सुनिश्चित करती हैं और अपनी रफ्तार के साथ पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल इस्तेमाल करके यह अपनी रफ्तार को बहुत ज्यादा बढ़ा लेती है। ग्लाइड सिस्टम लगे होने की वजह से यह समुद्र की सतह से बहुत कम ऊंचाई पर उड़ते हुए भी अपना लक्ष्य सफलतापूर्वक भेद सकती हैं।
- किन देशों के पास हैं हाइपरसोनिक हथियार
भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, और उत्तर कोरिया; यह वह देश है जो हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में दिन रात मेहनत कर रहे हैं। लेकिन अपने इस प्रदर्शन के साथ ही चीन, अमेरिका और रूस के उस दल में शामिल हो गया है जिसके पास हाइपरसोनिक हत्यारों की अत्याधुनिक तकनीक मौजूद है।
- भारत ने वर्ष 2020 में हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेट व्हीकल का परीक्षण किया था। जिसका परीक्षण 20 सेकेंड से भी कम चला था। यह विमान युद्ध एवं शांति दोनों कार्य क्षेत्रों में उपयोग में लाया जा सकता है।
- भारत अपने सहयोगी मित्र रूस के साथ मिलकर ब्रह्मोस तो हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का काम भी कर रहा है। इसकी रफ्तार मैक 7 से भी ज्यादा होगी।
- यह भी खबर है कि भारत एक निजी क्षेत्र की कंपनी के साथ मिलकर HGF 202F नामक एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। जिसकी अधिक जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।
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