सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Book Review: Chitralekha by Bhagwati Charan Verma

 चित्रलेखा – एक दार्शनिक कृति की समीक्षा लेखक: भगवती चरण वर्मा   प्रस्तावना   हिंदी साहित्य के इतिहास में *चित्रलेखा* एक ऐसी अनूठी रचना है जिसने पाठकों को न केवल प्रेम और सौंदर्य के मोह में बाँधा, बल्कि पाप और पुण्य की जटिल अवधारणाओं पर गहन चिंतन के लिए भी प्रेरित किया। भगवती चरण वर्मा का यह उपन्यास 1934 में प्रकाशित हुआ था और यह आज भी हिंदी गद्य की कालजयी कृतियों में गिना जाता है। इसमें दार्शनिक विमर्श, मनोवैज्ञानिक विश्लेषण और सामाजिक यथार्थ का ऐसा संलयन है जो हर युग में प्रासंगिक बना रहता है । मूल विषय और उद्देश्य   *चित्रलेखा* का केंद्रीय प्रश्न है — "पाप क्या है?"। यह उपन्यास इस अनुत्तरित प्रश्न को जीवन, प्रेम और मानव प्रवृत्तियों के परिप्रेक्ष्य में व्याख्यायित करता है। कथा की बुनियाद एक बौद्धिक प्रयोग पर टिकी है जिसमें महात्मा रत्नांबर दो शिष्यों — श्वेतांक और विशालदेव — को संसार में यह देखने भेजते हैं कि मनुष्य अपने व्यवहार में पाप और पुण्य का भेद कैसे करता है। इस प्रयोग का परिणाम यह दर्शाता है कि मनुष्य की दृष्टि ही उसके कर्मों को पाप या पुण्य बनाती है। लेखक...

पद्म पुरस्कार 2021| पदम पुरस्कार का इतिहास All about Padam Awards

पद्म पुरस्कार 2021| पदम पुरस्कार का इतिहास All about PADAM AWARDS| 2021

पदम पुरस्कार भारत सरकार द्वारा हर वर्ष गणतंत्र दिवस यानी कि 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर दिए जाते हैं। यह पुरस्कार भारत में तीन श्रेणियों में दिया जाता है पदम विभूषण, पदम भूषण और पद्मश्री
यह पुरस्कार देश में व्यक्ति विशेष द्वारा किए गए असाधारण और विशिष्ट सेवा उच्च क्रम की सेवा और प्रतिष्ठित सेवा में अतुलनीय योगदान देने के लिए दिया जाता है।
Padam Awards
Padam Awards

  • किसके द्वारा दिया जाता है पदम पुरस्कार?

पदम पुरस्कार हर साल पदम पुरस्कार समिति द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर प्रदान किए जाते हैं। यह समिति हर साल प्रधानमंत्री द्वारा तैयार की जाती है। कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को पदम पुरस्कार के लिए नामांकित कर सकता है साथ ही साथ वह खुद के लिए भी नामांकन दाखिल कर सकता है।

  • पदम पुरस्कारों  का इतिहास

पदम पुरस्कार जो 1954 में स्थापित किए गए थे, हर साल दिए जाते हैं। विशेष अवसरों जैसे 1978, 1979 और 1993 से 1997 को छोड़ दिया जाए तो पदम पुरस्कार लगभग हर साल प्रदान किए गए हैं। आजादी के बाद भारत सरकार ने समाज में उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने वाले नागरिकों को सम्मान देने हेतु दो नागरिक पुरस्कार भारत रत्न और पद्म विभूषण की स्थापना की। इसके बाद तीन और वर्ग के पुरस्कार स्थापित किए गए थे प्रथम वर्ग, द्वितीय वर्ग और तृतीय वर्ग। 1955 में राष्ट्रपति द्वारा इन वर्गों का नाम बदलकर क्रमशः पद्म विभूषण पद्म भूषण और पद्मश्री कर दिया गया था।

  • भारत के नागरिक सम्मान
  1. भारत रत्न Bharat Ratna

भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न है। यह समाज के किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा प्रदान करने हेतु दिया जाता है। भारत रत्न के लिए सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को दी जाती है। 1 साल में अधिकतम 3 लोगों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है। अब तक तकरीबन 45 लोग भारत रत्न पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं जिनमें सर्व पल्ली राधाकृष्णन, चंद्रशेखर वेंकटरमन से लेकर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और 2014 में सचिन तेंदुलकर भी शामिल हैं।
Bharat Ratna
Bharat Ratna

2014 से पहले भारत खेल के क्षेत्र में नहीं दिया जाता था, लेकिन 2014 में श्री सचिन रमेश तेंदुलकर क्रिकेट के खेल में अभूतपूर्व प्रदर्शन करने के कारण भारत रत्न प्राप्त करने वाले पहले भारतीय बने।

    2. पद्म पुरस्कार Padam Awards

पद्म पुरस्कारों को निम्नलिखित उपलब्धता एवं योग्यताओं के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है-

  • पदम विभूषण  Padam Vibhushan महान विभूति को मिलता है जिसने समाज में असाधारण और विशिष्ट सेवा का प्रदर्शन किया हो।
  • उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए पदम भूषण Padam Bhushan अवार्ड दिया जाता है।
  • एवं किसी क्षेत्र में विशेष सेवा प्रदान करने के लिए पदम श्री Padam Shree पुरस्कार दिया जाता है।
यह राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार हैं अतः इन में जाति, व्यवसाय, लिंग, पद इन सभी का भेदभाव किए बिना किसी भी व्यक्ति एवं महिला को इस पुरस्कार के लिए चुना जा सकता है। हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में काम करने वाले सरकारी कर्मचारी पदम पुरस्कार प्राप्त नहीं कर सकते।

  • किन क्षेत्रों में दिया जाता है पदम पुरस्कार?

पदम पुरस्कार निम्नलिखित क्षेत्रों में असाधारण और विशिष्ट सेवा प्रदान करने के लिए दिया जाता है-

  • खेल

एथलेटिक्स, पर्वतारोहण एवं अन्य साहसिक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन खेलों को बढ़ावा देने एवं खेल को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण प्रतिभा एवं योगदान देने वाले खिलाड़ियों को पदम पुरस्कार दिए जा सकते हैं।

  • सिविल सेवा

सरकारी कर्मचारियों द्वारा प्रशासन आदि में उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं विशिष्ट सेवा देने के लिए सिविल सेवकों को भी पदम पुरस्कार दिया जा सकता है।

  • व्यापार एवं उद्योग

बैंकिंग प्रबंधन पर्यटन को बढ़ावा देने आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने एवं किसी व्यवसाय को लोकप्रिय एवं सफल बनाने के लिए सरकार द्वारा व्यक्ति विशेष को पदम पुरस्कार प्रदान किए जा सकते हैं।

  • साहित्य एवं शिक्षा

पुस्तक रचना लोकप्रिय साहित्य का निर्माण लोकप्रिय कविता लिखना शिक्षा को बढ़ावा देना साक्षरता को बढ़ावा देना समाज को शिक्षा व्यवस्था में शामिल करना तथा पत्रकारिता जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को पदम पुरस्कार दिए जा सकते हैं।

  • चिकित्सा

आयुर्वेद, होम्योपैथी एलोपैथी प्राकृतिक चिकित्सा एवं सिद्ध शास्त्र एवं चिकित्सा अनुसंधान में किया गया महत्वपूर्ण योगदान व्यक्ति विशेष को पदम पुरस्कार दिलवाने में सहायक हो सकता है।

  • कला

पेंटिंग, मूर्तिकला सिनेमा रंगमंच फोटोग्राफी एवं संगीत के क्षेत्रों में आशातीत योगदान देने पर पदम पुरस्कार प्रदान किए जा सकते हैं।

  • सार्वजनिक मामले

यदि किसी व्यक्ति को कानूनी मामलों राजनीति एवं अन्य सार्वजनिक जीवन के विषयों में व्यापक ज्ञान है एवं है इस ज्ञान का उपयोग समाज को एक सही रहा दिखाने के लिए करता है तो भारत सरकार द्वारा वह पदम पुरस्कार प्राप्त करने के योग्य है। 

  • विज्ञान एवं इंजीनियरिंग

परमाणु विज्ञान सूचना प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष इंजीनियरिंग में विशेष योगदान देने के लिए इस क्षेत्र में भी पदम पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।

  • सामाजिक कार्य

धार्मिक सेवा धार्मिक सौहार्द बनाए रखने में विशिष्ट योगदान सामुदायिक परियोजनाओं में योगदान एवं समाज सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने पर इस क्षेत्र में भी पदम पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।

इसके अलावा भारतीय संस्कृति का प्रचार, वन्य जीव संरक्षण, एवं मानवाधकारों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी पदम पुरस्कार प्राप्त किए जा सकते हैं।

  • पदम पुरस्कार अत्याधिक योग्य मामलों में सरकार द्वारा मरणोपरांत प्रदान किए जा सकते हैं।

  • क्या क्या मिलता है पद्म पुरस्कारों में?

पदम पुरस्कार  प्राप्त करता को भारत के राष्ट्रपति द्वारा हर साल मार्च या अप्रैल महीने में राष्ट्रपति भवन बुलाया जाता है। जहां विजेताओं को राष्ट्रपति द्वारा एक प्रमाण पत्र एक पदक प्रदान किया जाता है। पदक प्राप्तकर्ता अपने पदक को किसी भी समारोह के दौरान पहन सकते हैं एवं सभी पुरस्कार विजेताओं के नाम भारत के राजपत्र में प्रकाशित किए जाते हैं।
  • 1 वर्ष में 120 से अधिक भारतीय लोगों को पदम पुरस्कार प्रदान नहीं किया जा सकता।
  • पुरस्कार प्राप्तकर्ता अपने नाम में पहले या बाद में अपने पुरस्कारों का जिक्र नहीं कर सकते।


टिप्पणियाँ

Best From the Author

The Story of Yashaswi Jaiswal

जिस 21 वर्षीय यशस्वी जयसवाल ने ताबड़तोड़ 98* रन बनाकर कोलकाता को IPL से बाहर कर दिया, उनका बचपन आंसुओं और संघर्षों से भरा था। यशस्‍वी जयसवाल मूलरूप से उत्‍तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं। वह IPL 2023 के 12 मुकाबलों में 575 रन बना चुके हैं और ऑरेंज कैप कब्जाने से सिर्फ 2 रन दूर हैं। यशस्वी का परिवार काफी गरीब था। पिता छोटी सी दुकान चलाते थे। ऐसे में अपने सपनों को पूरा करने के लिए सिर्फ 10 साल की उम्र में यशस्वी मुंबई चले आए। मुंबई में यशस्वी के पास रहने की जगह नहीं थी। यहां उनके चाचा का घर तो था, लेकिन इतना बड़ा नहीं कि यशस्वी यहां रह पाते। परेशानी में घिरे यशस्वी को एक डेयरी पर काम के साथ रहने की जगह भी मिल गई। नन्हे यशस्वी के सपनों को मानो पंख लग गए। पर कुछ महीनों बाद ही उनका सामान उठाकर फेंक दिया गया। यशस्वी ने इस बारे में खुद बताया कि मैं कल्बादेवी डेयरी में काम करता था। पूरा दिन क्रिकेट खेलने के बाद मैं थक जाता था और थोड़ी देर के लिए सो जाता था। एक दिन उन्होंने मुझे ये कहकर वहां से निकाल दिया कि मैं सिर्फ सोता हूं और काम में उनकी कोई मदद नहीं करता। नौकरी तो गई ही, रहने का ठिकान...

Book Review: Chitralekha by Bhagwati Charan Verma

 चित्रलेखा – एक दार्शनिक कृति की समीक्षा लेखक: भगवती चरण वर्मा   प्रस्तावना   हिंदी साहित्य के इतिहास में *चित्रलेखा* एक ऐसी अनूठी रचना है जिसने पाठकों को न केवल प्रेम और सौंदर्य के मोह में बाँधा, बल्कि पाप और पुण्य की जटिल अवधारणाओं पर गहन चिंतन के लिए भी प्रेरित किया। भगवती चरण वर्मा का यह उपन्यास 1934 में प्रकाशित हुआ था और यह आज भी हिंदी गद्य की कालजयी कृतियों में गिना जाता है। इसमें दार्शनिक विमर्श, मनोवैज्ञानिक विश्लेषण और सामाजिक यथार्थ का ऐसा संलयन है जो हर युग में प्रासंगिक बना रहता है । मूल विषय और उद्देश्य   *चित्रलेखा* का केंद्रीय प्रश्न है — "पाप क्या है?"। यह उपन्यास इस अनुत्तरित प्रश्न को जीवन, प्रेम और मानव प्रवृत्तियों के परिप्रेक्ष्य में व्याख्यायित करता है। कथा की बुनियाद एक बौद्धिक प्रयोग पर टिकी है जिसमें महात्मा रत्नांबर दो शिष्यों — श्वेतांक और विशालदेव — को संसार में यह देखने भेजते हैं कि मनुष्य अपने व्यवहार में पाप और पुण्य का भेद कैसे करता है। इस प्रयोग का परिणाम यह दर्शाता है कि मनुष्य की दृष्टि ही उसके कर्मों को पाप या पुण्य बनाती है। लेखक...

Some facts about House of the Dragon you don't know

  Here are ten interesting facts about *House of the Dragon*: 1. **Prequel to *Game of Thrones***: *House of the Dragon* is set approximately 200 years before the events of *Game of Thrones* and focuses on the Targaryen civil war known as the **Dance of the Dragons**, which caused a major internal conflict within the Targaryen family. 2. **Based on *Fire & Blood***: The series is adapted from George R.R. Martin’s book *Fire & Blood*, which is a fictional historical account detailing the rise and reign of the Targaryen dynasty in Westeros. 3. **Expensive Dragons**: The dragons, a core feature of *House of the Dragon*, were incredibly costly to render. Each dragon has its own unique design and characteristics, and creating them with detailed CGI added significantly to the show's budget. 4. **New Showrunners**: Unlike *Game of Thrones*, which was led by David Benioff and D.B. Weiss, *House of the Dragon* is helmed by showrunners **Miguel Sapochnik** and **Ryan Condal**, both o...