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काग के भाग बड़े सजनी

  पितृपक्ष में रसखान रोते हुए मिले। सजनी ने पूछा -‘क्यों रोते हो हे कवि!’ कवि ने कहा:‘ सजनी पितृ पक्ष लग गया है। एक बेसहारा चैनल ने पितृ पक्ष में कौवे की सराहना करते हुए एक पद की पंक्ति गलत सलत उठायी है कि कागा के भाग बड़े, कृश्न के हाथ से रोटी ले गया।’ सजनी ने हंसकर कहा-‘ यह तो तुम्हारी ही कविता का अंश है। जरा तोड़मरोड़कर प्रस्तुत किया है बस। तुम्हें खुश होना चाहिए । तुम तो रो रहे हो।’ कवि ने एक हिचकी लेकर कहा-‘ रोने की ही बात है ,हे सजनी! तोड़मोड़कर पेश करते तो उतनी बुरी बात नहीं है। कहते हैं यह कविता सूरदास ने लिखी है। एक कवि को अपनी कविता दूसरे के नाम से लगी देखकर रोना नहीं आएगा ? इन दिनों बाबरी-रामभूमि की संवेदनशीलता चल रही है। तो क्या जानबूझकर रसखान को खान मानकर वल्लभी सूरदास का नाम लगा दिया है। मनसे की तर्ज पर..?’ खिलखिलाकर हंस पड़ी सजनी-‘ भारतीय राजनीति की मार मध्यकाल तक चली गई कविराज ?’ फिर उसने अपने आंचल से कवि रसखान की आंखों से आंसू पोंछे और ढांढस बंधाने लगी।  दृष्य में अंतरंगता को बढ़ते देख मैं एक शरीफ आदमी की तरह आगे बढ़ गया। मेरे साथ रसखान का कौवा भी कांव कांव करता चला आ...

Why Jaipur Metro Failed? जयपुर मेट्रो क्यों फेल हो गई| A blogpost by Abiiinabu

जयपुर मेट्रो, भारत का छठा मेट्रो सिटी है। जयपुर से पहले भारत में कोलकाता दिल्ली मुंबई बेंगलुरु और गुरुग्राम में ही मेट्रो सेवा उपलब्ध थी। जैसा कि सबको पता ही है कि जयपुर भारत का सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला शहर है। जिसे गुलाबी शहर के नाम से भी जाना जाता है। इसी कारण जयपुर को पिंक लाइन स्टेशन के नाम से भी जाना जाता है। जयपुर की मेट्रो दो कारणों से बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है- 1. देश की पहली थ्री एलिवेटेड लाइन 2. और दूसरा इसको बनाने में आने वाला खर्चा  क्या आपको पता था कि जयपुर मेट्रो को बनाने के लिए 3150 करोड रुपए का बजट पास हुआ था। यह दोनों खूबियां होने के बाद भी जयपुर मेट्रो बुरी तरह से फेल हो गई। जयपुर मेट्रो बनाने का सबसे बड़ा कारण यह था कि जयपुर शहर में पर्यटकों की भीड़ दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी, औद्योगिकरण हो रहा था और जनसंख्या भी बढ़ रही थी। जिसका असर वहां की ट्रांसपोर्ट लाइन पर जोरो से पड़ रहा था। यातायात को संभालने के लिए और उद्योगों एवं पर्यटकों को आपस में उलझने से बचाने के लिए जयपुर में मेट्रो सेवा का प्रस्ताव लाया गया। साल 2010 में जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने जयपुर में...

जानिए भारतीय ज्योतिष की बारीकियों को, कैसे बताया जाता है आपका भविष्य How does Indian Astrology Works| Abiiinabu

दृग तुल्य अर्थात जो देखो केवल उसी पर विश्वास करो, ये हमारे वैदिक ज्योतिष का मूल मंत्र है! Indian Astrology  21 दिसंबर 2020 के दिन शायद आपने अख़बारों में पढ़ा होगा, टीवी में देखा होगा की 400 वर्ष बाद एक दुर्लभ खगोलीय घटना होने जा रही है! गुरु और शनि एक दूसरे के सबसे निकट आने जा रहे है! इन गुरु-शनि की युति के चित्र भी टीवी अखबारों में आपने देखे होंगे या आपमे से कुछ ने तो टेलिस्कोप के द्वारा सजीव देखा होगा। अब क्योकि ज्यादातर लोग ज्योतिष के बारे में अनभिज्ञ है, तो आपकी सुविधार्थ 21 दिसंबर के दिन का ज्योतिषीय गणित आकाशीय नक्शा (कुण्डली) देखिए  अब ध्यान से देखिए ये नक्शा भी यही बता रहा है ना की शनि भी 6 डिग्री पर है और गुरु भी 6 डिग्री पर है और दोनों एक ही राशि मकर में स्थित है। मतलब दोनों ग्रह एक दूसरे से एकदम निकट है, ज्योतिष का गणित भी यही बता रहा है। ये 21 दिसंबर 2020 का ही समय है ना जो हमने आकाश में देखा और ज्योतिष से गणित करके कुण्डली में भी देखा और दोनों में वर्तमान समय की ग्रह स्थिति दिखाई दी। या ये सब सैंकड़ो साल पहले का समय था जो आज दिख रहा है? साल भर में जो अ...

8 Avatars pf Lord Ganesha: गणेश जी के प्रमुख अवतारों के बारे में नहीं जानते होंगे आप

8 Avatars of Lord Ganesha भगवान गणेश जी ने आठ अवतार कब-कब और कौन-कौनसे से लिए आएये जानते है 8 Avatars of Lord Ganesha के बारे में     आज गौरी पुत्र श्री गणेश जी के प्रमुख 8 अवतारो (8 Avatars of Lord Ganesha) के बारे में जनेगें ! अन्य सभी देवताओं के समान भगवान गणेश ने भी आसुरी शक्तियों के विनाश के लिए विभिन्न अवतार लिए ! श्री गणेश के इन अवतारों का वर्णन गणेश पुराण, मुद्गल पुराण, गणेश अंक आदि ग्रंथो में मिलता हैं ! सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूज्य गौरी पुत्र गणेश जी के आठ प्रमुख अवतार हैं !  वक्रतुण्ड,  एकदंत,  महोदर,  गजानन,  लम्बोदर,  विकट,  विघ्नराज  और धूम्रवर्ण ! इन अवतारों के दौरान जिन-जिन राक्षसों के साथ गणेश जी का युद्ध हुआ ! गणेश जी के हाथों राक्षसों के वध की बजाय उन्हें अपनी शरण में लेने का प्रसंग पुराणों में मिलता हैं ! जो सब देवताओं के वरदान से ही पैदा हुए थे ! जानिए 8 Avatars of Lord Ganesha के बारे में -:   1. वक्रतुंड अवतार श्री गणेश जी के आठ प्रमुख अवतार में एक अवतार राक्षस मत्सरासुर का विनाश करने के लिए हुआ था ...