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History of Chambal

 चम्बल का इतिहास क्या हैं? ये वो नदी है जो मध्य प्रदेश की मशहूर विंध्याचल पर्वतमाला से निकलकर युमना में मिलने तक अपने 1024 किलोमीटर लम्बे सफर में तीन राज्यों को जीवन देती है। महाभारत से रामायण तक हर महाकाव्य में दर्ज होने वाली चम्बल राजस्थान की सबसे लम्बी नदी है। श्रापित और दुनिया के सबसे खतरनाक बीहड़ के डाकुओं का घर माने जाने वाली चम्बल नदी मगरमच्छों और घड़ियालों का गढ़ भी मानी जाती है। तो आईये आज आपको लेकर चलते हैं चंबल नदी की सेर पर भारत की सबसे साफ़ और स्वच्छ नदियों में से एक चम्बल मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में महू छावनी के निकट स्थित विंध्य पर्वत श्रृंखला की जनापाव पहाड़ियों के भदकला जलप्रपात से निकलती है और इसे ही चम्बल नदी का उद्गम स्थान माना जाता है। चम्बल मध्य प्रदेश में अपने उद्गम स्थान से उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में बहते हुए धार, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, भिंड, मुरैना आदि जिलों से होकर राजस्थान में प्रवेश करती है। राजस्थान में चम्बल चित्तौड़गढ़ के चौरासीगढ से बहती हुई कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, करोली और धौलपुर जिलों से निकलती है। जिसके बाद ये राजस्थान के धौलपुर से दक्षिण की ओर

जब पुरुस्कार लेने वाले ने पुरूस्कार देने वाले राष्ट्रपति को दिया आशीर्वाद| Nanda Sir Blessed President of India

जब पुरुस्कार लेने वाले ने पुरूस्कार देने वाले राष्ट्रपति को दिया आशीर्वाद| Nanda Sir Blessed President of India

मंगलवार को 102 वर्षीय नंदा प्रूट्टी ने शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है।

nanda sir hindi 2021
Nanda Sir

नंदा प्रूट्टी का अनौपचारिक स्कूल गांव में एक अस्थायी झोपड़ी से कार्य करता है। न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार यह भोर में खुलता है और बच्चों के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों के लिए सप्ताह में सात दिन रात 9 बजे तक चलता है.'नंदा सर' के नाम से मशहूर उन्होंने अपने जीवन के कई दशक ओडिशा के जाजपुर में बच्चों और वयस्कों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करते हुए बिताए हैं। अपने परिवार की वित्तीय स्थिति के कारण कक्षा 7 तक ही पढ़ाई कर पाए, वह अपने गांव में निरक्षरता उन्मूलन के लक्ष्य के साथ आजादी के बाद से बच्चों को निशुल्क पढ़ा रहे हैं ।

अपने प्रयासों के लिए मंगलवार को भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार मिलने पर नंदा प्रूट्टी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आशीर्वाद देने के लिए हाथ उठाया।


राष्ट्रपति कोविंद ने साहित्य एवं शिक्षा के लिए श्री नंदा प्रूट्टी को पद्मश्री भेंट किया। दशकों से ओडिशा के जाजपुर में बच्चों और बड़ों को मुफ्त शिक्षा देने वाले 102 वर्षीय "नंदा सर" ने राष्ट्रपति को आशीर्वाद देने के इशारों में हाथ उठाया।


nanda sir padma shri
Nanda Sir received Padam Shri Barefoot

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The Story of Yashaswi Jaiswal

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