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काग के भाग बड़े सजनी

  पितृपक्ष में रसखान रोते हुए मिले। सजनी ने पूछा -‘क्यों रोते हो हे कवि!’ कवि ने कहा:‘ सजनी पितृ पक्ष लग गया है। एक बेसहारा चैनल ने पितृ पक्ष में कौवे की सराहना करते हुए एक पद की पंक्ति गलत सलत उठायी है कि कागा के भाग बड़े, कृश्न के हाथ से रोटी ले गया।’ सजनी ने हंसकर कहा-‘ यह तो तुम्हारी ही कविता का अंश है। जरा तोड़मरोड़कर प्रस्तुत किया है बस। तुम्हें खुश होना चाहिए । तुम तो रो रहे हो।’ कवि ने एक हिचकी लेकर कहा-‘ रोने की ही बात है ,हे सजनी! तोड़मोड़कर पेश करते तो उतनी बुरी बात नहीं है। कहते हैं यह कविता सूरदास ने लिखी है। एक कवि को अपनी कविता दूसरे के नाम से लगी देखकर रोना नहीं आएगा ? इन दिनों बाबरी-रामभूमि की संवेदनशीलता चल रही है। तो क्या जानबूझकर रसखान को खान मानकर वल्लभी सूरदास का नाम लगा दिया है। मनसे की तर्ज पर..?’ खिलखिलाकर हंस पड़ी सजनी-‘ भारतीय राजनीति की मार मध्यकाल तक चली गई कविराज ?’ फिर उसने अपने आंचल से कवि रसखान की आंखों से आंसू पोंछे और ढांढस बंधाने लगी।  दृष्य में अंतरंगता को बढ़ते देख मैं एक शरीफ आदमी की तरह आगे बढ़ गया। मेरे साथ रसखान का कौवा भी कांव कांव करता चला आ...

The Comeback story of YO YO Honey Singh

 


Come Back


मैं यो यो हनी सिंह का कभी फैन नहीं रहा न उसके गाने कभी मुझे भाये। मेरी उम्र के लोगों को शायद उसके गाने पसंद भी नही आएंगे हां मुँह पर जरूर चढ़ सकते है लेकिन पसंद नही आएंगे। अंग्रेज़ी बीट दे, आज ब्लू है पानी पानी,  पार्टी आल नाईट , चार बोतल वोदका, लुंगी डांस लूंगी डांस  जैसे तमाम गाने हमारे कानों से 2011 से 2014 तक टकराये, हर शादी, पार्टी में सुनाई दिए। 


खैर 2010 से 2014 तक यो यो हनी सिंह अपनी पॉपुलैरिटी के चरम पर था।  उसने जो गाना बनाया वो चला, उसने मिट्टी में हाथ डाला तो वो भी सोना हुआ। लोग बुला बुलाकर उससे गाने लिखवा रहे थे, काम करवा रहे थे, उस टाइम बॉलीवुड का ऐसा कोई पॉपुलर स्टार नही था जिसने उस दौर में हनी सिंह के साथ काम न किया हो। शाहरुख खान बस किसी भी तरह उनका कोई गाना अपनी फिल्म में लेना चाहते थे और हनी सिंह ने एक दिन में लुंगी डान्स बना कर दे दिया। 


सफलता का नशा तो था ही, इसी दौरान हनी सिंह सूखे नशों की चपेट में आ गया, दारू तो बेतहाशा पीता ही था लेकिन चरस और गांजा इस कदर पीने लगा कि चौइस ही घंटे वो 'हाइ' ही रहता था, उसको चरस की सिगरेट बनाना नही आता था तो बाकायदा उसने एक लड़का सिर्फ इसी काम के लिए सेलरी पर रख लिया जो उसे चरस की सिगरेट बना के देता था। वो दिन में 12 -12 बार ये नशा करता था। 


कोई लाइव कंसर्ट हो या म्यूसिक क्रिएशन वो नशे में ही करता था।  उसने कोई नशा न छोड़ा। चार बोतल वोडका गाना असल मे उसने चार बोतल दारू पीने के बाद ही ऑस्ट्रलिया में लिखा था वो भी सिर्फ बदले की भावना से,  क्यों कि ऑस्ट्रलिया में उसके कंसर्ट से पहले कुछ लोगो ने उसका पुतला जलाया था। 


सूखे नशो की वजह से  उसकी ये हालत हो गई कि उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया। उसे "बाइपोलर डिसऔर्डर" नाम की बीमारी हुई और वो अजीब सी इमेजीनशन्स को सच मानने लगा। उसे बार बार पैनिक अटेक्स आते थे। उसका दिमाग जो असल में घट रहा है, उसे कल्पना मानता था और जो कल्पना है उसको हकीकत मानता था। हालात बहुत खराब हो गए। नशे की वजह से उसने अपने हाथों से सब बर्बाद कर दिया। 


2015 से करीब 2021 उसका इलाज चला वो 6-7 साल परिद्रश्य से बिल्कुल गायब हो गया। करीब डेढ़ साल तो एक ही कमरे में रहा बाहर नही निकला। वो इतना डरा हुआ रहता था कि नहाता भी बाथरूम का दरवाजा खोल के था। 


2022 के बाद वो लगभग ठीक हुआ, धीरे धीरे ज़िंदगी पटरी पर लौटने लगी। इस दौरान वो अध्यात्म की शरण मे भी आया। आज हर काम हर कंसर्ट से पहले " हर हर महादेव" "भोले का आशीर्वाद" बोलता है.


अभी 15 दिन पहले The Lallantop वाले सौरभ द्विवेदी ने हनी सिंह का विस्तृत इंटरव्यू लिया है करीब 2 घंटे जो लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है। 


जिस बेबाकी से हनी सिंह ने अपनी गलतियों को स्वीकारा है, वो कैसे उस दौर से वो बाहर निकला है, वो अपनी एक एक गलती को कंसीडर कर रहा है, अपनी ऐरोगेन्स , अपनी नशेबाजी,  उसे हर चीज़ का रिग्रेट भी है वो स्वीकार भी कर रहा है, वो नशे से दूर है अब। मैंने परसो रात उसका इंटरव्यू पूरा देखा है। 


मैं कभी भी हनी सिंह का फैन नहीं था लेकिन उस इंटरव्यू के बाद हो गया हूँ। बहरहाल हनी सिंह का नया एलबम Glory आ गया है। उसके गाने मुझे आज भी नही पसंद लेकिन मैं हनी सिंह के इस नए व्यक्तित्व का फैन हो गया हूँ। 


Moral of The Story- ज़िंदगी मे सब कुछ कभी भी खतम नही होता एक तगड़े Come Back की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।


हनी सिंह ने तगड़ा Come Back किया है। Welocme Back Honey Singh...आपको इस दूसरी पारी की शुभकामनाएं। 

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