चम्बल का इतिहास क्या हैं? ये वो नदी है जो मध्य प्रदेश की मशहूर विंध्याचल पर्वतमाला से निकलकर युमना में मिलने तक अपने 1024 किलोमीटर लम्बे सफर में तीन राज्यों को जीवन देती है। महाभारत से रामायण तक हर महाकाव्य में दर्ज होने वाली चम्बल राजस्थान की सबसे लम्बी नदी है। श्रापित और दुनिया के सबसे खतरनाक बीहड़ के डाकुओं का घर माने जाने वाली चम्बल नदी मगरमच्छों और घड़ियालों का गढ़ भी मानी जाती है। तो आईये आज आपको लेकर चलते हैं चंबल नदी की सेर पर भारत की सबसे साफ़ और स्वच्छ नदियों में से एक चम्बल मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में महू छावनी के निकट स्थित विंध्य पर्वत श्रृंखला की जनापाव पहाड़ियों के भदकला जलप्रपात से निकलती है और इसे ही चम्बल नदी का उद्गम स्थान माना जाता है। चम्बल मध्य प्रदेश में अपने उद्गम स्थान से उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में बहते हुए धार, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, भिंड, मुरैना आदि जिलों से होकर राजस्थान में प्रवेश करती है। राजस्थान में चम्बल चित्तौड़गढ़ के चौरासीगढ से बहती हुई कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, करोली और धौलपुर जिलों से निकलती है। जिसके बाद ये राजस्थान के धौलपुर से दक्षिण की ओर
#russiaukrainconflict के बीच हो रहे युद्ध के पांच दिन रूस ने दुनिया का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट मार गिराया है। यह यूक्रेन का अब तक का बनाया गया सबसे बड़ा हवाई जहाज था, जो दुनिया में भी सबसे बड़ा था। इस विमान के आकार के साथ-साथ सबसे बड़ी खातिर लिए विशेषता यह भी थी कि इसको Buran Shuttle Orbiter और Energiya carrier rocket के पार्ट्स पहुंचने के लिए बनाया गया था। जी हां, एक हवाई जहाज जिससे रॉकेट को लॉन्च किया जा सके!!! है ना अद्भुत! आइए जानते हैं Antonov AN 225 से जुड़ी खास बातें- Antoov AN 225 Antonov AN 22 5 का नाम Mriya था, जिसका यूक्रेनी भाषा में मतलब होता है The Dream । यह अब तक का इकलौता एयरक्राफ्ट था जो 6 turbofan इंजन से लैस था। इसकी भार वहन क्षमता 250 टन से भी ज्यादा थी। इसने अपनी पहली उड़ान 1988 89 में भरी थी। जून 2010 में इसने सबसे बड़े कार्गो सामान को चीन से डेनमार्क पहुंचाया था जिसकी लंबाई ही 42.1 मीटर थी। यह एक पावर स्टेशन की टरबाइन का पंख था। नाटो ने इसका नाम Cossack तय किया था। कोविड 19 के समय इसने विभिन्न देशों में आपात समान पहुंचाया था जिसकी वजह से इसका एक नाम The Symbo