महेंद्र सिंह धोनी ने छुपने के लिए वो जगह चुनी, जिस पर करोड़ों आँखें लगी हुई थीं! वो जीज़ज़ की इस बात को भूल गए कि "पहाड़ पर जो शहर बना है, वह छुप नहीं सकता!" ठीक उसी तरह, आप आईपीएल में भी छुप नहीं सकते। कम से कम धोनी होकर तो नहीं। अपने जीवन और क्रिकेट में हर क़दम सूझबूझ से उठाने वाले धोनी ने सोचा होगा, एक और आईपीएल खेलकर देखते हैं। यहाँ वे चूक गए। क्योंकि 20 ओवर विकेट कीपिंग करने के बाद उनके बूढ़े घुटनों के लिए आदर्श स्थिति यही रह गई है कि उन्हें बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा ही न मिले, ऊपरी क्रम के बल्लेबाज़ ही काम पूरा कर दें। बल्लेबाज़ी का मौक़ा मिले भी तो ज़्यादा रनों या ओवरों के लिए नहीं। लेकिन अगर ऊपरी क्रम में विकेटों की झड़ी लग जाए और रनों का अम्बार सामने हो, तब क्या होगा- इसका अनुमान लगाने से वो चूक गए। खेल के सूत्र उनके हाथों से छूट गए हैं। यह स्थिति आज से नहीं है, पिछले कई वर्षों से यह दृश्य दिखाई दे रहा है। ऐसा मालूम होता है, जैसे धोनी के भीतर अब खेलने की इच्छा ही शेष नहीं रही। फिर वो क्यों खेल रहे हैं? उनके धुर-प्रशंसक समय को थाम लेना चाहते हैं। वे नश्वरता के विरुद्ध...
सुपरस्टार कर्नाटक के लोअर मिडल क्लास मराठी परिवार का काला बिलकुल आम कद काठी वाला लड़का सुपर स्टार बना इस का श्रेय निर्देशक बाल चंदर को जाता है।इस बस कंडक्टर में उन्हे कुछ स्पार्क दिखा। उस के बाद उन्होंने शिवाजी राव गायकवाड को एक्टिंग सीखने को कहा और कहे मुताबिक शिवाजीराव ने एक्टिंग सीखी। उस समय दक्षिण में शिवाजी गणेशन नाम के विख्यात स्टार थे। उन के नाम के साथ तुलना न हो इसलिए शिवाजीराव का फिल्मी नामकरण रजनी किया गया।किसी को भी नही लगा होगा की ये शिवाजी उस महान स्टार शिवाजी को रिप्लेस करेगा ! रजनी सर ने अपनी शुरुआत सेकंड लीड और खलनायक के तौर पर की।रजनी,कमला हासन और श्रीदेवी लगभग एकसाथ मेन स्ट्रीम सिनेमा में आए और तीनो अपनी अपनी जगह छा गए।स्क्रीन प्ले राइटिंग में ज्यादा रुचि रखने वाले कमला हासन ने वही पर ज्यादा ध्यान दिया और एक्सपेरिमेंटल मास फिल्मे की।रजनीकांत को पता था साउथ के लोगो को क्या देखना।साउथ के लोग जब थियेटर आते है तब वो दो ढाई घंटे सामने पर्दे पर जो हीरो दिख रहा उस में खुद को इमेजिन करते है ।रजनी जनता के दिलो में छा गए क्युकी वो उन के जैसे दिखते है और काम सुपर हीरो वाले ...